Friday, 20 October 2017

इसी नवंबर से मंजिल पर जल्द पहुंचेंगे यात्री, लंबी दूरी की 500 ट्रेनों का 'ट्रैवल टाइम' होगा कम रेलवे अपनी 700 से ज्यादा लंबी दूरी की ट्रेनों का ट्रैवल टाइम कम करने वाला है ताकि यात्री जल्द अपनी मंजिल तक पहुंच सकें।

इसी नवंबर से मंजिल पर जल्द पहुंचेंगे यात्री, लंबी दूरी की 500 ट्रेनों का 'ट्रैवल टाइम' होगा कम  रेलवे अपनी 700 से ज्यादा लंबी दूरी की ट्रेनों का ट्रैवल टाइम कम करने वाला है ताकि यात्री जल्द अपनी मंजिल तक पहुंच सकें।


भारतीय रेल जल्द ही लंबी दूरी की 500 से ज्यादा ट्रेनों के यात्रा समय में तीन घंटे तक की कटौती करेगा. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई समय सारणी नवंबर में अपडेट की जाएगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल से निर्देशों के बाद रेलवे ने नवीन समयसारणी पर काम किया है, जिसके तहत लोकप्रिय ट्रेनों का यात्रा समय 15 मिनट से तीन घंटे तक घट जाएगा.
ये है रेल मंत्रालय की योजना
नई समय सारणी में प्रत्येक रेल मंडल को रखरखाव कार्यों के लिए दो से चार घंटे का समय दिया जाएगा. अधिकारी ने कहा, 'हमारी योजना मौजूदा रॉलिंग स्टॉक का अधिकतम इस्तेमाल करने की है. यह दो तरीके से हो सकता है- अगर हमारे पास एक ट्रेन हो, जो वापसी के लिए कहीं इंतजार कर रही हो, हम इसका इस्तेमाल रुके होने की अवधि में कर सकते हैं.'
यात्रा के समय में तीन घंटे तक की कटौती
अधिकारी ने बताया, 'नई समयसारणी में करीब 50 ऐसी ट्रेनें इस तरह चलेंगी. कुल 51 ट्रेनों का समय एक से तीन घंटे तक घट जाएगा. यह 500 से ज्यादा ट्रेनों तक होगा. रेलवे ने एक आंतरिक ऑडिट शुरू किया है, जिसमें 50 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सुपरफास्ट सेवा में बदली जाएंगी. उन्होंने कहा कि यह मौजूदा ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने के रेल तंत्र को दुरुस्त करने का एक हिस्सा है.
रेलवे ने घटाया स्टेशनों पर ठहराव का वक्त
भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस जैसी ट्रेन 95 मिनट पहले पहुंच जाएगी, जबकि गुवाहाटी-इंदौर स्पेशल अपनी 2330 किलोमीटर की यात्रा 115 मिनट पहले पूरा कर लेगी. कुल 1929 किलोमीटर का सफर तय करने वाली गाजीपुर-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस की यात्रा 95 मिनट पहले पूरी हो जाएगी. रेलवे ने स्टेशनों पर ठहराव का वक्त भी घटाया है. इसी तरह कम आवाजाही वाले स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं ठहरेंगी. लाइन और आधारभूत संरचना की बेहतरी, स्वचालित संकेतक और 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दूरी तय करने वाले नये लिंके-हॉफमेन बुश कोचों से ट्रेन तेजी से गंतव्य तक पहुंच सकेगी.